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मंडी : सरकार को 48 घंटे का अल्टिमेटम, सचिवालय में तैनात मेहर सिंह की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई थी मौत, पुलिस ने नहीं की FIR दर्ज

Bilaspuri Satrala
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Mandi: 48-hour ultimatum to the government, Mehar Singh posted in the secretariat died under suspicious circumstances, police did not register FIR.
पत्रकार वार्ता के दौरान मृतक मेहर सिंह के परिजन व अन्य

शिमला के बालूगंज थाने के अंतर्गत गत 29 सितंबर को पूर्व सैनिक एवं प्रदेश सचिवालय की गोपनीय शाखा में अधीक्षक पद पर तैनात मेहर सिंह की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत को लेकर परिजनों ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए मामले को दबाने के आरोप लगाए हैं। परिजनों का कहना है कि इतने दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस अभी तक एफआईआर तक दर्ज नहीं कर पाई है।


परिजनों के कहा कि पुलिस इसे आत्महत्या करार दे रही है जबकि यह एक साजिश के तहत हत्या लग रही है। गौरतलब है कि सेना से सेवानिवृत्ति के उपरांत सुंदरनगर की खिलड़ा पंचायत के मंगलाह गांव के निवासी मेहर सिंह की तैनाती प्रदेश सचिवालय की गोपनीय शाखा में बतौर अधीक्षक हुई थी। कारगिल युद्ध के दौरान मेहर सिंह ने बहादुरी का परिचय दिया था और उस दौरान ब्लास्ट के दौरान उन्होंने अपनी एक टांग भी खो दी थी। उनकी इस बहादुरी के लिए उन्हें राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया था।


मृतक मेहर सिंह की पत्नी विद्या देवी, पुत्र करण तथा पियूष, भाई तुलसी राम ने पंचायत प्रधान शेर सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता रजनीश शर्मा सहित अनेक ग्रामीणों के साथ पत्रकार वार्ता करते हुए प्रदेश सरकार से मामले में हस्तक्षेप करते हुए मामले में कार्रवाई की मांग की है। यदि 48 घंटे ने सेना में ड्यूटी के दौरान अपनी टांग खो देने के बाद भी हिम्मत नहीं हारी। वे शारीरिक तथा मानसिक रूप से बहुत मजबूत थे ऐसे में वे आत्महत्या जैसा कदम कभी नहीं उठा सकते हैं। उनके बेटे पियूष ने बताया कि जहां पर उनका शव बरामद हुआ है वे उस रास्ते से कभी पैदल नहीं आते थे तो उस दिन क्यों आएंगे। पुलिस जांच में अभी तक एफआईआर तक दर्ज नहीं की गई जबकि सचिवालय की गोपनीय शाखा में तैनात कर्मचारी के साथ इतनी बड़ी घटना होने के बाद पुलिस इसे हल्के में ले रही है।


सामाजिक कार्यकर्ता रजनीश शर्मा ने कहा कि संदिग्ध परिस्थितियों में हुई इस मौत को लेकर पुलिस का एफआईआर दर्ज न करना पुलिस की कार्यप्रणाली को दर्शाता है। डिसेबल एक्ट 2016 के तहत भी अभी तक किसी भी प्रकार की कोई विशेष जांच को लेकर कुछ नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि यदि 48 घंटे के अंदर मामले को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की गई तो सभी संस्थाएं परिजनों के साथ मिलकर न्याय दिलाने के लिए आंदोलन करेंगे। 


वहीं, पंचायत प्रधान शेर सिंह ने कहा कि मेहर सिंह का पंचायत में अपना एक रुतबा था तथा वे इस तरह का कदम नहीं उठा सकते हैं। पुलिस व सरकार मामले को लेकर तुरंत कार्रवाई करे अन्यथा पंचायत परिवार के साथ आंदोलन करेगी। इस अवसर पर संयुक्त व्यापार संगठन के संयोजक सुरेश कौशल सहित अनेक ग्रामीण मौजूद रहे। के अंदर मामले को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की तो पंचायत के लोगों के साथ मिलकर आंदोलन की चेतावनी दी है। 

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